Get Cost on Whatsapp +91-8882563400
Whatsapp
Phone

हिस्ट्रोस्कोपी क्या है और बांझपन में यह क्यों की जाती है?

  • Home
  • Blog
  • Fertility Treatment
  • हिस्ट्रोस्कोपी क्या है और बांझपन में यह क्यों की जाती है?
Hysteroscopy

हिस्ट्रोस्कोपी (Hysteroscopy) एक आधुनिक तकनीक है जिसका उपयोग महिलाओं के गर्भाशय (Uterus) की अंदरूनी जांच के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया उन महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी है जो बांझपन (Infertility), बार-बार गर्भपात, या अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याओं से जूझ रही हैं।

हिस्ट्रोस्कोपी क्या होती है?

हिस्ट्रोस्कोपी में एक पतली ट्यूबनुमा उपकरण (जिसे हिस्ट्रोस्कोप कहा जाता है) को योनि और गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) के रास्ते गर्भाशय के अंदर डाला जाता है। इस उपकरण के सिरे पर एक कैमरा और प्रकाश होता है, जिससे डॉक्टर गर्भाशय की अंदरूनी परत को साफ़-साफ़ देख सकते हैं।

यह एक मिनिमली इनवेसिव (Minimally Invasive) प्रक्रिया है — यानी इसमें किसी चीरे या टांके की जरूरत नहीं होती।

हिस्ट्रोस्कोपी के प्रकार

  1. डायग्नोस्टिक हिस्ट्रोस्कोपी (Diagnostic Hysteroscopy):
    इसका उपयोग गर्भाशय की आंतरिक जांच करने और किसी असामान्यता का पता लगाने के लिए किया जाता है।
  2. ऑपरेटिव हिस्ट्रोस्कोपी (Operative Hysteroscopy):
    इसमें डॉक्टर गर्भाशय के अंदर की समस्याएं जैसे पॉलीप्स, फाइब्रॉइड, या चिपकाव को हटाने का उपचार भी करते हैं।

बांझपन में हिस्ट्रोस्कोपी क्यों की जाती है?

हिस्ट्रोस्कोपी बांझपन के निदान और उपचार दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह प्रक्रिया डॉक्टरों को यह समझने में मदद करती है कि गर्भाशय के अंदर कोई संरचनात्मक समस्या तो नहीं है जो गर्भधारण में रुकावट डाल रही हो।

मुख्य कारण जिनसे हिस्ट्रोस्कोपी की जाती है:

  • फाइब्रॉइड या पॉलीप्स का पता लगाना जो भ्रूण के स्थापन में बाधा बन सकते हैं।
  • गर्भाशय की अंदरूनी परत (Endometrium) की स्थिति का मूल्यांकन।
  • बार-बार गर्भपात के कारणों की जांच।
  • गर्भाशय के अंदर चिपकाव (Adhesions) या संरचनात्मक दोष (जैसे सेप्टम) को ठीक करना।
  • IVF या IUI से पहले गर्भाशय को तैयार करना ताकि सफलता की संभावना बढ़े।

प्रक्रिया कैसे की जाती है?

हिस्ट्रोस्कोपी एक आउटपेशेंट प्रक्रिया होती है, यानी मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती।

  • इसे आमतौर पर हल्के एनेस्थीसिया में किया जाता है।
  • प्रक्रिया लगभग 20–30 मिनट की होती है।
  • डॉक्टर गर्भाशय में सलाइन (पानी जैसी द्रव) भरकर अंदर की परत को स्पष्ट रूप से देखते हैं।

प्रक्रिया के बाद हल्का दर्द या स्पॉटिंग हो सकती है, लेकिन यह सामान्य होता है और कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

हिस्ट्रोस्कोपी के लाभ

  • गर्भाशय की समस्याओं का सटीक निदान
  • IVF की सफलता दर में वृद्धि
  • सर्जरी की तुलना में कम दर्द और जल्दी रिकवरी
  • भविष्य में गर्भधारण की संभावनाओं में सुधार

निष्कर्ष

हिस्ट्रोस्कोपी बांझपन से जुड़ी समस्याओं की पहचान और उपचार का एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। यह प्रक्रिया महिलाओं को गर्भधारण के लिए एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करती है और IVF जैसी तकनीकों की सफलता को बढ़ाती है।

यदि आप गर्भधारण में कठिनाई, बार-बार IVF फेल्योर, या गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रही हैं, तो विशेषज्ञ से परामर्श लेना आवश्यक है।

Leave A Comment